नई दिल्ली (बनी कालरा)। कार की सर्विसिंग के लिए अक्सर लोग ऑर्थराइज्ड सर्विस सेंटर पर ही जाते हैं। अधिकांश लोगों का मानना होता है ऑर्थराइज्ड सर्विस सेंटर बेशक सर्विसिंग के लिए आपसे थोड़े ज्यादा पैसे लेते हैं, लेकिन यहां सर्विस कराकर कार की लाइफ बढ़ जाती है। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो जरा ठहरिए। हम अपनी इस स्टोरी में आपको जानकारियां दे रहे हैं कि आखिर कैसे सर्विस सेंटर ही सर्विसिंग के नाम पर लोगों को चूना लगा रहे हैं।
आज की इस दौड़ती भागती दुनिया में जहां इंसान के पास खुद के लिए समय नहीं है तो गाड़ी की सर्विस के लिए कहा से समय होगा, क्योकिं सर्विस के लिए कम से कम पूरा दिन लग जाता है। कुछ लोगों गाड़ी इस बात की जानकारी होती है गाड़ी की सर्विस कब और कैसे करानी है जबकि काफी लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इस बारे में कोई जानकारी हे नहीं होती और इसी बात का फायदा उठाकर सर्विस सेंटर वाले या मैकेनिक अपनी बातों में उलझा कर बेवकूफ बना लेते हैं।
ये लोग जिस पार्ट की जरूरत भी नहीं होती उसको भी खराब बता देते हैं, हममें से काफी लोग इन पर भरोसा कर अपनी कार सर्विस सेंटर छोड़ कर अपने घर या दफ्तर चले जाते हैं, ज्यादातर मामलों में सर्विस के नाम पर गाड़ियों को धो कर, साफ़ करके पकड़ा दी जाती है और बेचारा ग्राहक बेवकूफ बन जाता है। सर्विस के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी/स्कैम लेकिन आपको ये बात भी हम बता दें कि सर्विस के नाम पर होने वाली ऐसी
अगर आप भी ऐसी भी परेशानी का सामना कर रहे हैं तो यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे टिप्स जिनकी मदद से आप इस धोखाधड़ी/स्कैम से बच सकते हैं लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं की ये धोखाधड़ी/स्कैम आखिर कैसे किया जाता है...
जिन लोगों को कार सर्विसिंग की कोई जानकारी नहीं होती ऐसे लोग सर्विस सेंटर वालों के शिकार बनते हैं जो लोग गाड़ी छोड़कर घर चले जाते हैं उनकी गाड़ी में इस तरह की घटना ज्यादा हो सकती है। इस तरह हो सकती है सर्विस सेंटर पर धोखाधड़ी।
अक्सर देखने में आया है की इंजन ऑइल को सर्विस सेंटर पर सही तरीके से बदला नहीं जाता या तो टॉप कर दिया जाता है या बिना सफाई के भर दिया जाता है इसके अलावा ऑइल फ़िल्टर को न बदलना, जरूरत के हिसाब से टायर्स को रोटेशन न करना। जरूरत न होने पर भी गाड़ी के पार्ट को बदलने की बात कर बिना पार्ट बदले ही बिल में लिख देना।
सबसे पहले तो आपको अपनी गाड़ी की पूरी जानकारी लेनी होगी, कोशिश कीजिये कि सर्विस अपने किसी जानकार मैकेनिक या भी किसी भरोसेमंद सर्विस सेंटर से ही करवाएं।
गाड़ी की सर्विस के लिए टाइम निकाल कर जाएं और अगर उसी दिन आपको गाड़ी ठीक करके देने की बात कही जा तो वही रुकिए, गाड़ी छोड़कर घर न जाएं, यदि आपको गाड़ी छोड़कर जाना भी पड़े तो सबसे पहले इंजन ऑइल का कलर जरूर देख लें, आपको बता दें कि पुराने इंजन ऑइल का कलर ब्लैक हो जाता है, ऐसे में जब आप गाड़ी लेने जाएं तो सबसे पहले इंजन ऑइल को जरूर चेक करें और यह भी पता करें तो इंजन ऑइल पूरा डाला है या नहीं।
अगर किसी कारणवश आपको गाड़ी छोड़नी पड़ती है तो उसके इंजन ऑइल का रंग देख लें , पुराने इंजन ऑइल में आपको कालापन मिलेगा और वहीँ नया ऑइल आप देख कर ही पहचान लेंगे। डीजल गाड़ी में आपको ऑइल के रंग से नहीं बल्कि सूंघकर पता लगाना है , पुराने ऑइल से जलने की बदबू आएगी जबकि नया इंजन ऑइल में काफी कम या ना के बराबर होगी। कोशिश कीजिये की जिस Service Adviser ने आपकी गाड़ी की सर्विस रिपोर्ट बनाई है उससे कहें तो कि वो आपको बुलकर ही इंजन ऑइल या फ़िल्टर बदलें।
वैसे काफी वर्क शॉप पर अन्दर जाने की अनुमति नहीं होती, ऐसे में आप अनुमति ले सकते हैं और यदि ऐसा होता है तो आप अपने सामने गाड़ी को ठीक होता हुए देख सकेंगे।
गाड़ी की सर्विस के बाद बिल को जरूर देखें जो जो काम हुआ है उसकी पूरी जानकारी भी लें, इस मामले में बिलकुल भी शर्म नहीं करनी चाइये अक्सर लोग हिचकिताते हैं जोकि सही नहीं है।
गाड़ी की सर्विस कराने से पहले ओनर मैन्युअल बुक को भी ध्यान से पड़ लें इससे काफी हद तक आपको अपनी गाड़ी को समझने में मदद मिलेगी।
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