पहले मुर्गी आयी या अंडा, क्वांटम फिज़िक्स ने दिया जवाब
पहले अंडा आया या मुर्गी इस पर प्राचीन काल में ही ग्रीस विचारकों के बीच बहस छिड़ गई थी और कोई भी एक मत नहीं थे.
सदियों से यह सवाल वैज्ञानिकों और दर्शनशास्त्रियों के दिमाग़ को मथता रहता है. आप बताएं कि पहले कौन आया?
आप कहेंगे कि अंडा तो सवाल पूछा जाएगा कि अंडा दिया किसने.
और अगर आप कहेंगे कि मुर्गी. तो वही सवाल दोबारा पूछा जाएगा कि आखिर मुर्गी कहां से आई. वो तो किसी अंडे से ही निकली होगी.
आप कहेंगे हां, तो इसका मतलब ये है कि मुर्गी से पहले अंडा आया. लेकिन दोबारा वही सवाल कि मुर्गी तो अंडे से निकल गई, लेकिन जिस अंडे से वो निकली वो कहां से आया.
आप सिर खुजलाएंगे, परेशान हो जाएंगे, लेकिन आपको इस सवाल का जवाब नहीं मिलेगा.
लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों और फ़्रांस में एनईईएल संस्थान ने इसे साबित करने का दावा किया है कि क्वांटम फिज़िक्स के अनुसार अंडे और चिकन दोनों ही पहले आए हैं.
क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी में एआरसी सेंटर ऑफ़ एक्सलन्स फॉर क्वांटम इंजीनियरिंग सिस्टम के भौतिक विज्ञानी जैक़ी रोमेरो ने कहा, ''क्वांटम मैकेनिक्स का मतलब ये है कि ये किसी तय नियमित क्रम के बिना हो सकती है.''
वो कहते हैं, "आप अपने रोज के आने-जाने का उदाहरण लें, जहां आप कुछ दूर ट्रेन से तो कुछ दूर बस से सफ़र करते हैं, आम तौर पर आप पहले बस लेते हैं और फिर ट्रेन या फिर इसके उलट."
वो कहते हैं कि हमारे शोध में दोनों ही चीज़ें पहले हो सकती हैं, जिसे 'अनिश्चितता के कारणों का क्रम' माना जाता है, इसे हम अपने दैनिक जीवन में नहीं देखते हैं."
वैज्ञानिकों ने क्या किया
प्रयोगशाला में इस प्रभाव को देखने के लिए, शोधकर्ताओं ने फ़ोटोनिक क्वांटम स्वीच नामक एक विन्यास (कॉन्फ़िगरेशन) का उपयोग किया.
रोमेरो ने बताया, "क्वांटम स्वीच के साथ हमारे शोध में दो घटनाओं का क्रम जिस पर निर्भर करता है उसे कंट्रोल कहते हैं."
"कंप्यूटर के बिट्स का उदाहरण लीजिए जिसका वैल्यू (मान) 0 या 1 होता है. हमारे शोध में, यदि कंट्रोल वैल्यू 0 है तो 'बी' से पहले 'ए' होता है. और यदि कंट्रोल वैल्यू एक है तो 'ए' से पहले 'बी' होगा."
"क्या होता है कि क्वांटम फिज़िक्स में हमारे पास सुपरपोजिशन (एक के ऊपर दूसरी चीज़ को बैठाने की प्रक्रिया) में बिट्स हो सकते हैं, जिसका मतलब है कि उनका वैल्यू एक ही समय में 0 और 1 है. इसलिए, एक निश्चित अर्थ में हम कह सकते हैं कि बिट्स का वैल्यू अपरिभाषित है."
"और कंट्रोल के अनिश्चित वैल्यू की वजह से जो ऑर्डर तय करता है, हम कह सकते हैं कि 'ए' और 'बी' घटनाओं के बीच अपरिभाषित ऑर्डर है."
आम तौर पर यह कहना कि 'बी' से पहले 'ए' होता है या 'ए' से पहले 'बी' होगा, इनमें से केवल एक ही सत्य हो सकता है.
लेकिन क्वांटम फिज़िक्स में वास्तविकता अलग है. "यदि ये दो अभिव्यक्तियां सच हो सकती हैं तो हमें वो मिलता है जिसे हम अपरिभाषित अस्थिर ऑर्डर (क्रम) के रूप में जानते हैं."
इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES
फोटॉन्स की भूमिका
शोध में रूपांतरण दिखता है या प्रकाश कणों या फोटॉन के आकार में बदलाव (उदाहरण के लिए डोनट या फूल का आकार).
रोमेरो ने बीबीसी से कहा, "यह बदलाव प्रकाशीय ध्रुवीकरण (ऑप्टिकल पोलराइज़ेशन) गुण पर निर्भर करता है."
इस शोध में 'ए' और 'बी' फोटॉन में परिवर्तित हो जाते हैं और जिस क्रम में ये बदलाव होते हैं उसे प्रकाशीय ध्रुवीकरण नियंत्रित करता है.
आकार परिवर्तन की कई संभावनाएं होती हैं लेकिन इस रूपांतरण और ध्रुवीकरण विकल्प के परस्पर संबंध की भी एक सीमा होती है. शोध के दौरान हमने उस सीमा को तोड़ दिया और फिर हम इस नतीजे पर पहुंचे कि 'ए' और 'बी' के बीच एक अनिश्चित ऑर्डर है.
इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES
बढ़ सकती है कंप्यूटर की स्पीड
यह शोध एक सिद्धांत का प्रमाण है, लेकिन बड़े स्तर पर इसके वास्तविक उपयोग हो सकते हैं, जैसे कि कंप्यूटर को और अधिक सक्षम बनाना या संचार में सुधार करना.
रोमेरो ने कहा, "वियना में एक शोध किया गया जिसमें यह प्रदर्शित किया गया कि एक प्रकार की गणना में इस अनिश्चित ऑर्डर के फायदे हैं."
"वास्तव में आम तौर पर किसी गणना में दो कणों का होना आवश्यक है लेकिन क्वांटम स्विच के साथ केवल एक ही कण से इसे किया जा सकता है."
जो एक और लाभ मुझे बहुत उत्तेजित करता है वो है जुलियो किरिबेला का वो सिद्धांत जिसमें उन्होंने यह दर्शाया कि क्वांटम स्विच की मदद से कई इंटरफेस वाले चैनल में संचार संभव है.
उदाहरण के लिए टेलीफ़ोन लाइन में आने वाली शोर जिससे श्रोता पूरी तरह भ्रमित हो जाते हैं. रोमेरो और उनके सहयोगी ने अपने शोध को समझाने के लिए अंडे और मुर्गी वाले विरोधाभास का इस्तेमाल किया.
इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES
मेरे चार साल के बेटे को लगता है कि जब वो सोता है तब सूर्य उगता है. तो एक निश्चित अर्थ में आप यह कह सकते हैं कि कारण और उसका प्रभाव चीज़ों को जोड़ने का एक तरीका है ताकि दुनिया हमारे लिए मायने रखे.
अंडा और मुर्गी वास्तव में दी जाने वाली एक उपमा है. यह कई बार पूछा जाता है कि कौन पहले आया और हम इस शोध के साथ यही आज़माइश कर रहे हैं कि पहले क्या होता है. निश्चित ही दोनों घटनाएं पहले होती हैं.
यह शोध सोसाइटी ऑफ़ अमरीकन फिज़िक्स मैगज़ीन फिज़िकल रिव्यू जर्नल- अमरीकन फिज़िकल सोसाइटी में प्रकाशित की गई.
ये भी पढ़ें:
No comments:
Post a Comment