राहत की उम्मीद: GST काउंसिल की अगली बैठक में सस्ती हो सकती हैं कई वस्तुएं
नई दिल्ली। हिटी
- Last updated: Thu, 20 Sep 2018 06:49 PM IST
![बता दें, सीमेंट, एयर कंडीशनर और बड़ी स्क्रीन वाले टीवी 28 फीसद के टैक्स ब्रैकेट में अभी है। बता दें, सीमेंट, एयर कंडीशनर और बड़ी स्क्रीन वाले टीवी 28 फीसद के टैक्स ब्रैकेट में अभी है।](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2018/09/20/16_9/16_9_1/28__1537449582.jpg)
जीएसटी काउंसिल की 30वीं बैठक 28-29 सितंबर को होगी। इस बैठक में सीमेंट, एयर कंडीशनर, बड़े साइज के टीवी के अलावा कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें घटाई जा सकती है। जीएसटी काउंसिल के जुड़े एक सदस्य ने बताया कि काउंसिल अगली बैठक में कुछ वस्तुओं पर जीएसटी की दरें घटा सकता है। हालांकि, इसका दायरा सीमित होगा क्योंकि जीएसटी कलेक्शन अभी भी स्थिर नहीं हुआ है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार जीएसटी के 28 फीसदी वाले कर स्लैब में से कुछ वस्तुओं को बाहर निकालकर आम लोगों को राहत दे सकती है।
बता दें, सीमेंट, एयर कंडीशनर और बड़ी स्क्रीन वाले टीवी 28 फीसद के टैक्स ब्रैकेट में अभी है। इसको बाहर निकाला जा सकता है। इससे पहले जीएसटी काउंसिल अपनी जुलाई की बैठक में 100 से अधिक उत्पादों पर कर की दरों में संशोधन कर चुकी है जिसमें रेफ्रिजरेटर, छोटी स्क्रीन वाले कलर टीवी और वाशिंग मशीन पर कर की दरों में संशोधन कर चुका है। इसके साथ ही इस बैठक में एमएसएमई सेक्टर को भी राहत दी सकती है। एमएसएमई सेक्टर जीएसटी लागू होने के बाद से कई तरह की रियायतें की मांग कर रहा है। इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने पर चर्चा किया जा सकता है।
पंखा निर्माताओं ने दरों में कमी की मांग
संगठित क्षेत्र के पंखा उत्पादक अपने उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी चाहते हैं। वे चाहते हैं कि पंखे को जीएसटी की 18 प्रतिशत की दर से हटाकर 12 फीसदी के दायरे में लाया जाए। इसके संबंध में अपनी मांगों को वे पहले ही जीएसटी परिषद के समक्ष रख चुके हैं। इंडियन फैन मैन्यूफैक्चर एसोसिएशन (आईएफएमए) ने कहा कि भारत जैसे उष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले देश में पंखा बुनियादी जरूरत है और समाज का हर तबका इसका इस्तेमाल करता है। आईएफएमए के उपाध्यक्ष अतुल जैन ने बृहस्पतिवार को कहा कि संगठित क्षेत्र में हर साल 5.4 पंखे बनाये जाते हैं और उद्योग की प्रगति जीडीपी की गति के अनुरूप है।
संगठित क्षेत्र के पंखा उत्पादक अपने उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी चाहते हैं। वे चाहते हैं कि पंखे को जीएसटी की 18 प्रतिशत की दर से हटाकर 12 फीसदी के दायरे में लाया जाए। इसके संबंध में अपनी मांगों को वे पहले ही जीएसटी परिषद के समक्ष रख चुके हैं। इंडियन फैन मैन्यूफैक्चर एसोसिएशन (आईएफएमए) ने कहा कि भारत जैसे उष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले देश में पंखा बुनियादी जरूरत है और समाज का हर तबका इसका इस्तेमाल करता है। आईएफएमए के उपाध्यक्ष अतुल जैन ने बृहस्पतिवार को कहा कि संगठित क्षेत्र में हर साल 5.4 पंखे बनाये जाते हैं और उद्योग की प्रगति जीडीपी की गति के अनुरूप है।
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