इसे जलाने से घर में आएगी सुख-शांति और समृद्धि
लाइव हिन्दुस्तान टीम,मेरठ
- Last updated: Thu, 20 Sep 2018 12:05 PM IST
![](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2018/09/20/16_9/16_9_1/File_photo_1537425315.jpg)
कर्पूर या कपूर मोम की तरह उड़नशील दिव्य वानस्पतिक द्रव्य है। इसे अक्सर आरती के बाद या आरती करते वक्त जलाया जाता है जिससे वातावरण में सुगंध फैल जाती है और मन एवं मस्तिष्क को शांति मिलती है। कर्पूर के औषधी के रूप में भी कई फायदे हैं। पं. शिवकुमार शर्मा के अनुसार कपूर प्रयुक्त करने से अनेक परेशानियों से बचा जा सकता है।
- कर्पूर जलाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के समक्ष कर्पूर जलाने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। अत: प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर (कपूर) जरूर जलाएं।
- कर्पूर जलाने से देवदोष एवं पितृदोष का शमन होता है। प्रतिदिन सुबह, शाम और रात्रि को तीन बार घी में भिगोया हुआ कर्पूर जलाएं। घर के शौचालय और बाथरूम में कर्पूर की 2-2 टिकियां रख दें। इससे घर में पितृदोष की शांति मिलेगी।
- राहु, केतु और शनि के चलते आकस्मिक दुर्घटना के योग बनते हैं। रात्रि में हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद कर्पूर जलाएं।
- प्रतिदिन सुबह और शाम जिस घर में कर्पूर जलता रहता है उस घर में किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना और दुर्घटना नहीं होती।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा, शांति के लिए प्रतिदिन सुबह और शाम कर्पूर घी में भिगोकर जलाएं और संपूर्ण घर में उसकी खुशबू फैलाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाएगी। दु:स्वप्न नहीं आएंगे और घर में शांति बनी रहेगी।
- यदि घर के किसी स्थान पर वास्तु दोष बन रहा है तो वहां कर्पूर की दो टिकियां रख दें। जब वह टिकियां जलकर समाप्त हो जाएं तब दूसरी दो टिकिया रख दें। इस तरह बदलने से वास्तुदोष निर्मित नहीं होगा।
- पानी में कर्पूर के तेल की कुछ बूंदों को डालकर नहाएं। इससे आपका भाग्य चमकेगा। यदि इसमें कुछ बूंदें चमेली के तेल की भी डाल लेंगे तो इससे राहु, केतु और शनि का दोष नहीं रहेगा, लेकिन इसे सिर्फ शनिवार को ही करें।
- रात्रि काल के समय रसोई समेटने के बाद चांदी की कटोरी में लौंग तथा कपूर जलाएं। प्रतिदिन यह काम करने से धन-धान्य से आपका घर भरा रहेगा। धन की कभी कमी नहीं होगी।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
No comments:
Post a Comment