पितृपक्ष 2018: श्राद्ध करने के होते हैं ये नियम, जानिए सबकुछ यहां
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली
- Last updated: Thu, 20 Sep 2018 01:30 PM IST
![pitrapaksha 2018 pitrapaksha 2018](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2018/09/20/16_9/16_9_1/pitrapaksha_2018__1537429522.jpg)
पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध किया जाता है। कहा जाता है कि श्राद्ध कर्म और दान तर्पण से पितृों को तृप्ति मिलती है। इस साल श्राद्ध 25 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। श्राद्द करने के अपने नियम होते हैं। जिस तिथि में परिजन की मृत्य़ु होती है उसी तिथि में उनका श्राद्ध किया जाता है। पूर्णिमा से अमावस्या तक 15 दिन श्राद्ध किया जाता है।
जिन लोगों की मृत्यु के दिन की सही जानकारी न हो उनका श्राद्ध अमावस्या तिथि को करना चाहिए। वहीं अकाल मृत्य़ु होने पर भी अमावस्या के दिन श्राद्ध किया जाता है।
जिसने आत्महत्या की हो, या जिनकी हत्या हुई हो ऐसे लोगों का श्राद्ध चतुर्थी तिथि के किया जाता है।
पति जीवित हो और पत्नी की मृत्यु हो गई हो, तो नवमी तिथि को श्राद्ध किया जाता है।
वहीं एकादशी में उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिन लोगों ने संन्यास लिया हो।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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