Sunday, 23 September 2018

Pitru Paksh 2018: पितृ पक्ष कल से शुरू, जान लें कैसे करें श्राद्ध

Pitru Paksh 2018: पितृ पक्ष कल से शुरू, जान लें कैसे करें श्राद्ध

पितृ पक्ष क्या होता है...
पितृ पक्ष क्या होता है...
पूर्णिमा तिथि के साथ ही कल से श्राद्ध पक्ष प्रारम्भ हो जाएगा। सोलह दिन के लिए हमारे पितृ घर में विराजमान होंगे। अपने वंश का कल्याण करेंगे। घर में सुख-शांति-समृद्धि प्रदान करेंगे। जिनकी कुंडली में पितृ दोष हो, उनको अवश्य अर्पण-तर्पण करना चाहिए। वैसे तो सभी के लिए अनिवार्य है कि वे श्राद्ध करें। श्राद्ध करने से हमारे पितृ तृप्त होते हैं। सोमवार को पूर्णिमा है। जिन लोगों की मृत्यु पूर्णिमा को हुई है, वे सवेरे तर्पण करें और मध्याह्न को भोजनांश निकालकर अपने पितरों को याद करें।

पितृ पक्ष 2018: जानिए कब शुरू हो रहा है, किस तिथि पर आएगा कौन सा श्राद्ध

पूर्णिमा का श्राद्ध
सोमवार को प्रात: 7.17 बजे से पूर्णिमा का प्रारम्भ हो जाएगा। इसके बाद आप पूर्णिमा का श्राद्ध कर सकते हैं। अश्विन मास का कृष्ण पक्ष पितृ पक्ष को समर्पित है। इन सोलह दिनों में हमारे पूर्वज हमारे घरों पर आते हैं और तर्पण मात्र से ही तृप्त होते हैं। श्राद्ध पक्ष का प्रारम्भ भाद्रपद मास की पूर्णिमा से होता है।
क्यों कहते हैं कनागत
अश्विन मास के कृष्ण पक्ष के समय सूर्य कन्या राशि में स्थित होता है। सूर्य के कन्यागत होने से ही इन 16 दिनों को कनागत कहते हैं।
श्राद्ध क्या है
पितरों के प्रति तर्पण अर्थात जलदान पिंडदान पिंड के रूप में पितरों को समर्पित किया गया भोजन ही श्राद्ध कहलाता है। देव, ऋषि और पितृ ऋण के निवारण के लिए श्राद्ध कर्म है। अपने पूर्वजों का स्मरण करने और उनके मार्ग पर चलने और सुख-शांति की कामना ही वस्तुत: श्राद्ध कर्म है।
पूर्णिमा श्राद्ध का समय ( सोमवार)
कुतुप मुहूर्त = 11:48 से 12:36 तक
रोहिण मुहूर्त = 12:36 से 13:24 तक
अपराह्न काल = 13:24 से 15:48 तक
किसके लिए : जिनकी मृत्यु पूर्णिमा तिथि को हुई हो।
(पूर्णिमा तिथि 24 सितंबर को 7.17 से प्रारम्भ होकर 25 सितंबर को 8.22 पर समाप्त होगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार श्राद्ध में उदय तिथि का महत्व नहीं होता अपितु तिथि की उपस्थिति महत्वपूर्ण होती है। जिस दिन मृत्यु हुई हो, उस तिथि का महत्व है। तिथि पर सवेरे तर्पण और दोपहर को भोजन कराया जाना चाहिए। )
कैसे करें श्राद्ध
पहले यम के प्रतीक कौआ, कुत्ते और गाय का अंश निकालें (इसमें भोजन की समस्त सामग्री में से कुछ अंश डालें)
फिर किसी पात्र में दूध, जल, तिल और पुष्प लें। कुश और काले तिलों के साथ तीन बार तर्पण करें। ऊं पितृदेवताभ्यो नम: पढ़ते रहें।
बाएं हाथ में जल का पात्र लें और दाएं हाथ के अंगूठे को पृथ्वी की तरफ करते हुए उस पर जल डालते हुए तर्पण करते रहें।
वस्त्रादि जो भी आप चाहें पितरों के निमित निकाल कर दान कर सकते हैं।
यदि ये सब न कर सकें तो
दूरदराज में रहने वाले, सामग्री उपलब्ध नहीं होने, तर्पण की व्यवस्था नहीं हो पाने पर एक सरल उपाय के माध्यम से पितरों को तृप्त किया जा सकता है। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खड़े हो जाइए। अपने दाएं हाथ के अंगूठे को पृथ्वी की ओर करिए। 11 बार पढ़ें..ऊं पितृदेवताभ्यो नम:। ऊं मातृ देवताभ्यो नम: ।
क्या न करें
तेल और साबुन का प्रयोग न करें ( जिस दिन श्राद्ध हो)
शेविंग न करें
जहां तक संभव हो, नए वस्त्र न पहनें
तामसिक भोजन न करें। तामसिक होने के कारण ही इनको निषिद्ध किया गया है।
यह भी ध्यान रखें
पुरुष का श्राद्ध पुरुष को, महिला का श्राद्ध महिला को दिया जाना चाहिए
यदि पंडित उपलब्ध नहीं हैं तो श्राद्ध भोजन मंदिर में या गरीब लोगों को दे सकते हैं
यदि कोई विषम परिस्थिति न हो तो श्राद्ध को नहीं छोड़ना चाहिए। हमारे पितृ अपनी मृत्यु तिथि को श्राद्ध की अपेक्षा करते हैं। इसलिए यथा संभव उस तिथि को श्राद्ध कर देना चाहिए।
यदि तिथि याद न हो और किन्हीं कारणों से नहीं कर सकें तो पितृ अमावस्य़ा को अवश्य श्राद्ध कर देना चाहिए।

पितृपक्ष 2018 : श्राद्ध करने के होते हैं ये नियम, जानिए सबकुछ यहां

श्राद्ध की तिथियां
24 सितंबर- पूर्णिमा श्राद्ध
25 सितंबर - प्रतिपदा श्राद्ध
26 सितंबर - द्वितीय श्राद्ध
27 सितंबर - तृतीय श्राद्ध
28 सितंबर - चतुर्थी श्राद्ध
29 सितंबर - पंचमी श्राद्ध
30 सितंबर - षष्ठी श्राद्ध
1 अक्टूबर - सप्तमी श्राद्ध
2 अक्टूबर - अष्टमी श्राद्ध
3 अक्टूबर - नवमी श्राद्ध
4 अक्टूबर - दशमी श्राद्ध
5 अक्टूबर - एकादशी श्राद्ध
6 अक्टूबर - द्वादशी श्राद्ध
7 अक्टूबर -त्रयोदशी श्राद्ध, चतुर्दशी श्राद्ध
8 अक्टूबर - सर्वपितृ अमावस्या
पितरों की शांति के लिए यह भी करें
एक माला प्रतिदिन ऊं पितृ देवताभ्यो नम: की करें
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप करते रहें
भगवद्गीता या भागवत का पाठ भी कर सकते हैं ।
पितृ दोष प्रबल हो तो यह भी करें उपाय
यदि कुंडली में प्रबल पितृ दोष हो तो पितरों का तर्पण अवश्य करना चाहिए। तर्पण मात्र से ही हमारे पितृ प्रसन्न होते हैं। वे हमारे घरों में आते हैं और हमको आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यदि कुंडली में पितृ दोष हो तो इन सोलह दिनों में तीन बार एक उपाय करिए। सोलह बताशे लीजिए। उन पर दही रखिए और पीपल के वृक्ष पर रख आइये। इससे पितृ दोष में राहत मिलेगी। यह उपाय पितृ पक्ष में तीन बार करना है।

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में आप लाभार्थी है या नहीं? ऐसे करें पता

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ऐसे जाने की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में आप लाभार्थी है या नहीं
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना यानी जन आरोग्य योजना का रविवार को रॉची से प्रधानमंत्री एवं गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कालेज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भव्य शुभारंभ किया। इस योजना के जरिए देश के 10 करोड़ परिवार एवं गोरखपुर जिले में तकरीबन 3 लाख परिवार इस योजना का लाभ पाएंगे। उन्हें प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर मिलेगा। जिन वीपीएल परिवारों का नाम योजना अंतर्गत पूर्व में चिन्हित किया गया है, योजना के अंतर्गत लाभार्थी माने जाएंगे। इस योजना का लाभ कैसे उठाएं और इसका फायदा आपकों मिलेगा या नहीं, हम आपको बताते हैं।
ऐसे जाने योजना का फायदा आपको मिलेगा या नहीं
यह जानने के लिए सबसे पहले सरकार की वेबसाइट mera.pmjay.gov.in पर लॉग इन करना होगा। लॉग इन करते ही होम पेज पर अपना मोबाइल नंबर दर्ज करने का आप्शन मिलेगा। उसके ठीक नीचे आपको कैप्चा दिखाई देगा, जिसमें दिए गए नंबरों को आपको खाली बॉक्स में भरना होगा। उसके बाद 'जेनरेट ओटीपी' ऑप्शन पर क्लिक करिए। वहां क्लिक करते ही आपके मोबाइल पर एक ओटीपी नंबर जाएगा, जिससे वेबसाइट पर जाकर वेरिफाई कर लें। एक नया पेज खुल कर आएगा अपने राज्य के नाम का चयन कर अपना अपना मोबाइल नंबर या कोई दूसरी उपलब्ध जानकारी डाल कर अपने नाम को सर्च कर सकते हैं।
मोबाइल नम्बर और राशन कार्ड से भी तलाश संभव
वेबसाइट पर नाम रजिस्टर हो जाए तो अपने राशन कार्ड या मोबाइल नंबर की मदद से ये पता कर सकते हैं कि आपको इस योजना का लाभ मिल रहा है या नहीं मिल रहा है। हालांकि वेबसाइट पर सिर्फ उन्हीं लोगों का नाम दिखाई देगा, जिन्होंने अपना मोबाइल नंबर या राशन कार्ड नंबर जमा कराया था। दरअसल, हाल ही में इस योजना के लिए जनपद में अभियान चलाया गया था, जिसमें सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना डाटाबेस के आधार पर लोगों से उनका मोबाइल नंबर और राशन कार्ड नंबर मांगा गया था।
न दिखे नाम तो घबराने की जरूरत नहीं
वेबसाइट पर नाम नहीं दिख रहा तो डाटाबेस में अपना नाम, पिता का नाम, लिंग और राज्य का नाम अंकित करना होगा। इसके बाद सर्च करने पर आपका नाम आ जाएगा, फिर आप 'गेट एसएमएस' ऑप्शन पर क्लिक किजिए। उसके पश्चात मैसेज जाएगा, जिसमें एक नंबर मिलेगा। उस नंबर को आप संभाल कर रख लें, क्योंकि यह भविष्य में काम आने वाला है। जन सेवा केंद्र से भी जानकारी ली जा सकती है। रहां से ई कार्ड प्रिंट और लेमिनेशन करने पर सिर्फ 30 रुपये का भुगतान करना होगा।
आयुष्मान मित्र ने करें संपंर्क
ये सब करने के बाद भी आपका नाम सर्च करने पर नहीं आ रहा है तो तो 'आयुष्मान मित्र' से संपर्क करें। इसके लिए जरूरी दस्तावेज जमा कराएं। आयुष्मान मित्र की नियुक्ति सभी अस्पतालों में हो चुकी है। इसके अलावा जनपद में 25 के करीब निजी अस्पताल में भी आयुष्मान मित्र की नियुक्ति की गई है। योजना की अधिक जानकारी एवं समस्या समाधान के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-1800-4444 पर सुबह 6 से शाम 6 बजे तक फोन कर सकते हैं। इसके अलावा भारत सरकार के कॉल सेंटर 14555 पर किसी भी समय जानकारी ले सकते हैं।

हिन्दुस्तान टीम,गोरखपुर

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मोबाइल नम्बर और राशन कार्ड से भी तलाश संभव
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न दिखे नाम तो घबराने की जरूरत नहीं
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Pitru Paksh 2018: पितृ पक्ष कल से शुरू, जान लें कैसे करें श्राद्ध

Pitru Paksh 2018: पितृ पक्ष कल से शुरू, जान लें कैसे करें श्राद्ध सूर्यकांत द्विवेदी,मुरादाबाद Last updated: Sun, 23 Sep 201...